Max Lab
Sep 20, 2022
आधुनिक जीवन शैली में तनाव और दबाव के साथ, हार्ट की हेल्थ पर ध्यान देना पहले से कहीं अधिक जरुरी हो गया है। बॉडी में कोलेस्ट्रॉल लेवल उसी का एक आवश्यक हिस्सा है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल पर कंट्रोल रखना अच्छे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। ब्लड कोलेस्ट्रॉल का लेवल सामान्य से अधिक होने के कोई लक्षण तो नहीं होते हैं लेकिन यह स्ट्रोक एवं हार्ट संबंधी कई गंभीर बिमारियों को जन्म दे सकता है।
कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा पदार्थ होता है जो शरीर द्वारा हार्मोन का उत्पादन करने और आपके भोजन में वसा को पचाने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को करने के लिए होता है। चूंकि शरीर आपके लिए आवश्यक सभी कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन करता है, इसलिए आहार में कोलेस्ट्रॉल के सीमित सेवन की सलाह दी जाती है। ब्लड में ले जाने वाले प्रोटीन के आधार पर कोलेस्ट्रॉल को दो प्रकारों में बांटा जा सकता हैः-
शरीर को ठीक से काम करने के लिए कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है। खराब कोलेस्ट्रॉल के हाई लेवल से ब्लड वाहिकाओं की दीवारों पर प्लाक जमा हो सकता है, ब्लड फ्लो ब्लॉकिंग या हृदय संबंधी रोग और स्ट्रोक का खतरा हो सकता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को मापने से ऐसी स्थितियों से बचा जा सकता है।
शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल ब्लड टेस्ट से किया जाता है। इसके लिए दो तरह के टेस्ट होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल के लेवल की जांच करते हैं - एचडीएल टेस्ट और लिपिड प्रोफाइल।
यह टेस्ट विशेष रूप से HDL कोलेस्ट्रॉल की माप के लिए है। यदि उच्च परिणामों के साथ कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग वापस आती है तो इसे फोलोअप के लिए कहा जाता है। कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं के लिए हाई रिस्क वाले लोगों के कोलेस्ट्रॉल के लेवल की माॅनिटरिंग के लिए नियमित HDL Test की भी सिफारिश की जा सकती है।
लिपिड प्रोफाइल एक विस्तृत कोलेस्ट्रॉल ब्लड टेस्ट है जो LDL लेवल की जांच करता है। "खराब" कोलेस्ट्रॉल; HDL, "अच्छा" कोलेस्ट्रॉल: ट्राइग्लिसराइड्स, एनर्जी के लिए शरीर द्वारा उपयोग की जाने वाली वसा और कुल कोलेस्ट्रॉल का एक प्रकार है, जिसकी गणना एचडीएल, एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल के आधार पर की जाती है।
अपने कोलेस्ट्रॉल के लेवल की जांच कैसे करनी चाहिए, उन्हें कौन सा टेस्ट कराना चाहिए और नियमित रूप से अपने कोलेस्ट्रॉल के लेवल की जांच कैसे करनी चाहिए, सहित अपने रिस्क फेक्टर को बेहतर ढंग से समझने के लिए व्यक्तिगत रूप में अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
शरीर में अधिक कोलेस्ट्रॉल की उपस्थिति से ब्लड वैसील्स (रक्त धमनियां) की दीवारों पर वसायुक्त पदार्थ का निर्माण हो सकता है। इससे ब्लड वैसील्स सिकुड़ने लगती हैं। अगर इनकी जांच न कराई जाए तो ये सिकुड़ी हुई वैसील्स हार्ट से होने वाले ब्लड फ्लो को ब्लाॅक कर देती है, जिससे कई तरह सीरियस हैल्थ इश्यूज हो सकते हैं। कुछ मामलों में डॉक्टर कोलेस्ट्रॉल टेस्ट से पहले भूखे पेट रहने की सलाह दे सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल के लेवल की माॅनिटरिंग आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भले ही हाई कोलेस्ट्रॉल के अपने लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन यह ब्लड क्लाॅट्स, हार्ट अटैक, स्ट्रोक एनजाइना, कोरोनरी जैसी हार्ट डिजीज के जोखिम को बढ़ाता है।
रेगुलर कोलेस्ट्राॅल माॅनिटरिंग लोगों को अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल पर नजर रखने की अनुमति देती है। बढ़ते लेवल का शीघ्र पता लगाने से लोग समय पर अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव कर सकते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है और कई गंभीर स्थितियों से बचने में मदद कर सकता है।
जिन लोगों को हार्ट डिजीज का हाई रिस्क है, उनको भी रेगुलर कोलेस्ट्रॉल टेस्ट कराने को कहा जाता है। इनके रिस्क फैक्टर्स में मोटापा, फैमेली हिस्ट्री, इनएक्टिव लाइफ स्टाइल, डायबिटीज, स्मोकिंग और अन-हैल्दी फूड आदि शामिल हैं।
एलडीएल या ट्राइग्लिसराइड्स के हाई लेवल वाले लोगों को भी अपने उपचार के लिए रेगुलर कोलेस्ट्राॅल माॅनिटरिंग की जरुरत होती है।
होम सैंपल पिकअप, घर पर कोलेस्ट्रॉल की जांच करने के विकल्प के साथ, बाॅडी में कोलेस्ट्रॉल लेवल की माॅनिटरिंग करना पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है।
स्वस्थ व्यक्तियों को 20 वर्ष की आयु के करीब अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए और इसे हर 5 साल में दोहराना चाहिए। 40 की उम्र के बाद हर साल कोलेस्ट्रॉल टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है।
यदि कोई व्यक्ति हार्ट संबंधी समस्याओं या हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल के हाई रिस्क पर है तो डॉक्टर एक मरीज को कोलेस्ट्रॉल टेस्ट अधिक बार कराने को कह सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल के रिस्क फैक्टर:
ब्लड कोलेस्ट्रॉल का सामान्य लेवल
कोलेस्ट्रॉल टेस्ट से पहले भूखे पेट रहना हमेशा आवश्यक नहीं होता है। यह आपकी हेल्थ कंडिशन पर निर्भर करता है।
अपनी उम्र के बावजूद, लोग स्वस्थ जीवन शैली सुनिश्चित करने और अपने कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बनाए रखने के लिए कई कदम उठा सकते हैं। इनमें शामिल हैं:-
यदि किसी व्यक्ति में कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाई रहता है तो वे इसे मैनेज करने के लिए निम्न कदम उठा सकते हैं:-
अपनी जीवनशैली में उचित बदलाव के माध्यम से कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल में रखा जा सकता है। इसे अच्छी तरह से मैनेज करने की जिम्मेदारी आप पर होती है।
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