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स्तंभन दोष (Erectile Dysfunction in Hindi): कारण, लक्षण, उपाय और व्यायाम

स्तंभन दोष (Erectile Dysfunction in Hindi): कारण, लक्षण, उपाय और व्यायाम

By - Max Lab

Mar 03, 2025 | 16 min read

Table of Contents

    यह एक आम यौन समस्या है जिसमें पुरुष पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से स्तंभन करने में असमर्थ होते हैं। यह समस्या कई कारणों से उत्पन्न हो सकती है, जिनमें शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के कारक शामिल होते हैं। इस ब्लॉग में, हम स्तंभन दोष के कारण, स्तंभन दोष के लक्षण, स्तंभन दोष के इलाज के बारे में जानकारी और स्तंभन दोष व्यायाम के बारे में विस्तार से जानेंगे।

    स्तंभन दोष के कारण

    स्तंभन दोष के कारण विभिन्न हो सकते हैं, जो शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के हो सकते हैं। आइए जानते हैं स्तंभन दोष के कारण:

    • शारीरिक कारण:
    1. हृदय रोग और उच्च रक्तचाप
    2. मधुमेह और मोटापा
    3. धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन
    4. हार्मोनल असंतुलन और टेस्टोस्टेरोन की कमी
    5. तंत्रिका तंत्र की समस्याएं
    • मानसिक कारण:
    1. तनाव और अवसाद
    2. चिंता और आत्मविश्वास की कमी
    3. संबंधों में समस्याएं
    4. कार्यस्थल का दबाव

    स्तंभन दोष के लक्षण

    स्तंभन दोष के लक्षण पहचानने से इसका सही समय पर इलाज किया जा सकता है। यह लक्षण धीरे-धीरे विकसित हो सकते हैं या अचानक भी प्रकट हो सकते हैं। आइए जानते हैं स्तंभन दोष के लक्षण:

    • उत्तेजना के बावजूद लिंग में कठोरता की कमी: यह सबसे आम लक्षण है, जिसमें पुरुष पर्याप्त कठोरता प्राप्त करने में असमर्थ होते हैं।
    • यौन संबंध के दौरान लिंग की कठोरता खो जाना: यह तब होता है जब व्यक्ति शुरुआत में स्तंभन प्राप्त कर लेता है, लेकिन सेक्स के दौरान इसे बनाए रखने में कठिनाई होती है।
    • यौन संतुष्टि में कमी: यौन क्रियाओं के दौरान संतोषजनक अनुभव न होना और यौन सुख में गिरावट आना।
    • लिंग में रक्त प्रवाह का सही होना: यदि लिंग तक सही मात्रा में रक्त प्रवाहित नहीं हो रहा है, तो यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
    • यौन इच्छा में गिरावट: मानसिक तनाव, अवसाद, और हार्मोनल असंतुलन के कारण पुरुषों में यौन इच्छा कम हो सकती है।
    • अचानक या लगातार स्तंभन दोष का अनुभव करना: कुछ पुरुषों में यह समस्या अस्थायी हो सकती है, जबकि कुछ के लिए यह लंबे समय तक बनी रह सकती है।

    स्तंभन दोष के इलाज के बारे में जानकारी

    स्तंभन दोष का इलाज विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है। सही उपचार का चुनाव इसके कारणों पर निर्भर करता है। स्तंभन दोष के इलाज के बारे में जानकारी निम्नलिखित है:

    • जीवनशैली में बदलाव:
    1. नियमित व्यायाम और संतुलित आहार अपनाएं
    2. धूम्रपान और शराब का सेवन कम करें
    3. पर्याप्त नींद लें और तनाव को कम करें
    • चिकित्सकीय उपचार:
    1. डॉक्टर की सलाह से दवाएं लें
    2. हार्मोनल असंतुलन के लिए उपचार करवाएं
    3. मनोचिकित्सक से परामर्श लें यदि समस्या मानसिक है
    • प्राकृतिक और घरेलू उपचार:   
    1. अश्वगंधा, शतावरी और गोक्शुरा जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन
    2. योग और ध्यान का अभ्यास
    3. लहसुन, अदरक और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन

    क्या स्तंभन दोष से बचा जा सकता है?

    यदि किसी व्यक्ति की जीवनशैली या आदतें इसे बढ़ाने में योगदान देती हैं, तो कुछ एहतियाती कदम अपनाकर इस जोखिम को कम किया जा सकता है। हालांकि, कुछ ऐसे कारक भी होते हैं जिन्हें पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता। लेकिन कुछ स्वस्थ आदतों को अपनाकर इस स्थिति के जोखिम को कम किया जा सकता है:

    • संतुलित आहार अपनाएँ: ईडी से बचाव में संतुलित आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कम संतृप्त वसा वाला आहार लें और फलों, सब्जियों, तथा साबुत अनाज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
    • कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करें: उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण धमनियों में रुकावट आ सकती है, जिससे रक्त संचार बाधित होता है। उचित आहार, नियमित व्यायाम और डॉक्टर की सलाह से ली गई दवाओं के माध्यम से कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित किया जा सकता है।
    • स्वस्थ वजन बनाए रखें: अतिरिक्त वजन से हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे स्तंभन दोष का खतरा बढ़ सकता है। सही वजन बनाए रखने के लिए संतुलित आहार और व्यायाम को अपनाना जरूरी है।
    • नियमित व्यायाम करें: एक सक्रिय जीवनशैली न केवल ईडी के खतरे को कम करती है, बल्कि यह संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होती है। अपने पसंदीदा शारीरिक गतिविधियों को नियमित रूप से करें, जैसे योग, सैर, तैराकी या साइकिलिंग। व्यायाम से वजन नियंत्रित रहता है और रक्त संचार में सुधार होता है, जिससे स्तंभन दोष की संभावना घटती है।

    स्तंभन दोष के लिए व्यायाम

    स्तंभन दोष के लिए व्यायाम करने से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है और यौन स्वास्थ्य सुधरता है। निम्नलिखित स्तंभन दोष व्यायाम मददगार हो सकते हैं:

    1. कीगेल एक्सरसाइज(Kegel) : यह पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत करता है और स्तंभन में सुधार करता है।
    2. स्क्वाट एक्सरसाइज (squat exercise): इससे रक्त संचार बढ़ता है और टेस्टोस्टेरोन का स्तर सुधरता है।
    3. योगासन: भुजंगासन, पश्चिमोत्तानासन और धनुरासन करने से लाभ मिलता है।
    4. कार्डियो (हृदय ) व्यायाम: दौड़ना, साइकिल चलाना और तैराकी करना भी फायदेमंद होता है।

    स्तंभन दोष एक सामान्य समस्या है, जिसे सही समय पर पहचाना और इलाज किया जा सकता है। स्तंभन दोष के लक्षण समझकर उचित उपचार और स्तंभन दोष व्यायाम को अपनाकर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। यदि यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

    Frequently Asked Questions (FAQ's)

    कीगेल एक्सरसाइज, जिसे पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज भी कहा जाता है, एक ऐसा व्यायाम है जिससे पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों को मजबूत किया जाता है | यह महिलाओं तथा पुरुषों दोनों के लिए उपयोगी है | 

    कीगल एक्सरसाइज को नियमित रूप से प्रत्येक दिन 2 से 3 बार करें | यह पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत , मूत्राशय सम्बंधित रोग, शीघ्रपतन तथा अन्य रोगों में काफी उपयोगी व्यायाम है 

    पुरुषों को कीगल एक्सरसाइज करने के निम्न लिखित चरण (steps ) हैं -
    १. जमीन पर योग मैट या चादर बिछाकर बैठें या लेटें.
    २. अपनी पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को कस लें. 
    ३. अब मांसपेशियों को आराम दें और 3 से 5 तक की गिनती करें.

    आप यह एक्सरसाइज मूत्र करते समय भी कर सकते हैं 
    - मूत्र करते समय, मूत्र प्रवाह को रोकें (3 -5 सेकंड या ज्यादा ) 
    इसे 2 -3 बार दोहराएं 
    ऐसा दिन में 3 बार (सुबह, दोपहर और रात) 10 बार करना है, लेकिन बेहतर है इस बारे में आप अपने डॉक्टर या एक्सपर्ट  से भी एक बार करें.

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    Frequently Asked Questions (FAQ's)

    कीगेल एक्सरसाइज, जिसे पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज भी कहा जाता है, एक ऐसा व्यायाम है जिससे पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों को मजबूत किया जाता है | यह महिलाओं तथा पुरुषों दोनों के लिए उपयोगी है | 

    कीगल एक्सरसाइज को नियमित रूप से प्रत्येक दिन 2 से 3 बार करें | यह पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत , मूत्राशय सम्बंधित रोग, शीघ्रपतन तथा अन्य रोगों में काफी उपयोगी व्यायाम है 

    पुरुषों को कीगल एक्सरसाइज करने के निम्न लिखित चरण (steps ) हैं -
    १. जमीन पर योग मैट या चादर बिछाकर बैठें या लेटें.
    २. अपनी पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को कस लें. 
    ३. अब मांसपेशियों को आराम दें और 3 से 5 तक की गिनती करें.

    आप यह एक्सरसाइज मूत्र करते समय भी कर सकते हैं 
    - मूत्र करते समय, मूत्र प्रवाह को रोकें (3 -5 सेकंड या ज्यादा ) 
    इसे 2 -3 बार दोहराएं 
    ऐसा दिन में 3 बार (सुबह, दोपहर और रात) 10 बार करना है, लेकिन बेहतर है इस बारे में आप अपने डॉक्टर या एक्सपर्ट  से भी एक बार करें.

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