ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) एक ऐसा वायरस है जो पहली बार 1800 के दशक के अंत में मनुष्यों में पाया गया था। वायरस सक्रिय रूप से इम्यून सिस्टम की सेल्स को संक्रमित कर उनपर हमला करता है, जिन्हें CD4+T कहा जाता है और ये इम्यून सिस्टम के इंफेक्शन फाइटर्स हैं। जैसे ही एचआईवी मानव शरीर में प्रवेश करता है, यह इम्यून सिस्टम सेल्स को नष्ट करना शुरू कर देता है, भले ही शरीर में कोई लक्षण न दिखाई दे। यदि कोई व्यक्ति बहुत अधिक इम्यून सेल्स को खो देता है, तो शरीर कमजोर हो जाता है और संक्रमण और अन्य बीमारियों से लड़ने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
जब तक समय पर किए गए एचआईवी ब्लड टेस्ट से वायरस की उपस्थिति का पता नहीं चलता है, तब तक यह एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम या AIDS के विकास का कारण बन सकता है। जबकि रेपिड एचआईवी टेस्ट जैसे टेस्ट वायरस का पता लगाने में मदद कर सकते हैं। एक बार जब कोई व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित हो जाता है, तो संक्रमण का कोई प्रभावी इलाज नहीं होता है।
हालांकि, एचआईवी के समय पर डायग्नोसिस और उचित उपचार के साथ, एचआईवी को इस तरह मैनेज किया जा सकता है कि संक्रमित व्यक्ति करीब-करीब सामान्य जीवन जी सकता है। एचआईवी टेस्ट ही वायरस की उपस्थिति का पता लगाने का एकमात्र तरीका है। विभिन्न प्रकार के एचआईवी टेस्ट हैं जो इस स्थिति की जांच में मदद कर सकते हैं।
एचआईवी कैसे फैलता है?
एचआईवी भोजन, बर्तन, बिस्तर आदि साझा करने या मच्छरों, कीड़े के आकस्मिक संपर्क से नहीं फैलता है। एचआईवी अनिवार्य रूप से एक यौन संचारित रोग है जो किसी व्यक्ति की इम्यून सिस्टम पर हमला करता है, जिससे वह लंबे समय तक बीमारियों से लड़ने में असमर्थ हो जाता है। एचआईवी फैलने के कुछ सामान्य तरीकों में शामिल हैं:-
- एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के रक्त का आदान-प्रदान
- दूषित सुई का प्रयोग
- असुरक्षित यौन संपर्क
- ऐसे कई यौन साथी हैं जिनकी सेक्सुअल हिस्ट्री का पता नहीं हो
एचआईवी के लक्षण
काफी सारे लोग, जो पहली बार इस वायरस से संक्रमित होते हैं, उन्हें एचआईवी के किसी भी लक्षण का पता नहीं चलता है। कुछ लोगों में वायरस के संपर्क में आने के दो से चार सप्ताह के भीतर फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। कुछ सामान्य लक्षण जो तेजी से एचआईवी टेस्ट की आवश्यकता का संकेत दे सकते हैं, उनमें शामिल हैं:-
- डायरिया
- बढ़े हुए या सूजे हुए लिम्फ नोड्स
- सिरदर्द
- मसल्स पैन
- बुखार
- थकान
- न्यूरोलाॅजी संबंधी परेशानियां
- गला खराब होना
- पेट, पैर, हाथ और चेहरे पर चकत्ते
- मुंह में फंगल संक्रमण
ये लक्षण एक हफ्ते या महीने में गायब भी हो सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति वायरस से संक्रमित हो गया है, तो संक्रमण को नियंत्रण में रखने और अन्य जटिलताओं को रोकने के लिए उन्हें एक टेस्टिंग सेंटर में एचआईवी के लिए नियमित टेस्ट से गुजरना पड़ता है। उचित निदान के लिए, एचआईवी टेस्ट ही एकमात्र तरीका है।
एचआईवी टेस्ट प्रोसिजर के प्रकार -
एचआईवी और AIDS टेस्ट में ब्लड सेंपल कलेक्शन आदि भारत में उचित मूल्य पर उपलब्ध है। हालांकि, आपके द्वारा चुने गए टेस्ट और जिस पैनल का यह हिस्सा है, उसके आधार पर एचआईवी टेस्ट की कीमत अलग-अलग होगी। यहां वायरस की जांच के लिए एंटीजन/एंटी बॉडी कॉम्बो टेस्ट, एचआईवी-1 और एचआईवी-2 से लेकर न्यूक्लिक एसिड टेस्ट (NAT) तक सबसे आम विकल्प दिए गए हैं:-
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न्यूक्लिक एसिड टेस्ट (NAT)
इस एचआईवी टेस्ट प्रोसिजर में वेन से ब्लड सेंपल लेना और एचआईवी वायरस की जांच करना शामिल है। यह एचआईवी ब्लड टेस्ट मूल्यांकन कर सकता है कि क्या किसी व्यक्ति को एचआईवी है और उसके ब्लड में वायरस की मात्रा कितनी है। न्यूक्लिक एसिड टेस्ट एचआईवी के हाई रिस्क वाले रिस्की मामले में या यदि कोई व्यक्ति एचआईवी के शुरुआती लक्षण दिखा रहा है आदि किसी भी अन्य टेस्ट के मुकाबले जल्दी एचआईवी का पता लगा सकते हैं।
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एंटीजन/एंटीबॉडी टेस्ट
एचआईवी-1 और एचआईवी-2 टेस्ट के रूप में भी जाना जाता है। यह टेस्ट ब्लड सेंपल में एचआईवी एंटीबॉडी और एंटीजन की उपस्थिति की जांच करता है। जब शरीर किसी वायरस के संपर्क में आता है तो एंटीबॉडी का निर्माण इम्यून सिस्टम द्वारा किया जाता है जबकि एंटीजन विदेशी पदार्थ होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को ट्रिगर करते हैं।
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एचआईवी एंटीबॉडी टेस्ट
एचआईवी एंटीबॉडी टेस्ट एचआईवी वायरस से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम द्वारा उत्पादित ब्लड में एंटीबॉडी की उपस्थिति की तलाश करता है।
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एचआईवी स्ट्रेन
दुनिया में मुख्य रूप से दो प्रकार के एचआईवी स्ट्रेन प्रचलित हैं:-
- एचआईवी-1 स्ट्रेन: एचआईवी का सबसे संक्रामक स्ट्रेन और भारत में सबसे अधिक पाया जाने वाला स्ट्रेन।
- एचआईवी-2 स्ट्रेन: यह स्ट्रेन अपेक्षाकृत असामान्य है और एचआईवी-1 की तुलना में कम संक्रामक है। एचआईवी-2 स्ट्रेन ज्यादातर पश्चिम अफ्रीका और अन्य देशों में पाया जाता है।
एचआईवी ब्लड टेस्ट रिजल्ट को समझना
यह समझना महत्वपूर्ण है कि एचआईवी संक्रमण के सभी मामले AIDS में नहीं बदलते हैं। अपने एचआईवी टेस्ट 1 और 2 के रिजल्ट प्राप्त करने पर, बिना समय बर्बाद किए डॉक्टर से तुरंत परामर्श करना चाहिए, जो स्थिति का डायग्नोसिस देने में सक्षम होगा और इसके लिए सही कोर्स भी सुझाएगा।
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पाॅजिटिव टेस्ट रिजल्ट
एक पाॅजिटिव एचआईवी रिपोर्ट का मतलब है कि ब्लड सेंपल में एचआईवी के ट्रेसेज़ पाए गए हैं। एक पाॅजिटिव एचआईवी टेस्ट रिजल्ट का मतलब हमेशा यह नहीं होता है कि व्यक्ति को AIDS है, जो आमतौर पर एचआईवी के सबसे एडवांस स्टेज में विकसित होता है। समय पर उपचार इस स्थिति को प्रबंधित और इम्यून सिस्टम को प्रोटेक्ट करने में मदद कर सकता है, इसलिए संक्रमण से AIDS का विकास नहीं होता है।
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नेगेटिव टेस्ट रिजल्ट
एक नेगेटिव एचआईवी रिपोर्ट को सामान्य लेने का कोई कारण नहीं है। उन्हें एचआईवी वायरस से सुरक्षित रखने के लिए अभी भी सभी आवश्यक सावधानियां रखनी चाहिए। इसमें सुरक्षित यौन संबंध भी शामिल हैं।
एचआईवी टेस्ट की कीमत काफी कम है और चूंकि समय पर डाग्नोसिस संक्रमण को ठीक से मैनेज करने की चाबी है, इसलिए यदि किसी को वायरस के संपर्क में आने का डर है या उसके लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो जल्द से जल्द एचआईवी टेस्ट कराना जरूरी है।




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