डेंगू बुखार क्या है?
डेंगू बुखार एक वायरल संक्रमण है जो एडीज़ मच्छरों के काटने से फैलता है। यह उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय इलाकों में ज़्यादा होता है। यह मच्छर दिन के समय ज्यादा सक्रिय होते हैं और साफ पानी में पनपते हैं। डेंगू रोग, खासकर मानसून और उसके तुरंत बाद के महीनों में ज्यादा फैलता है।डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, दाने, मतली, और उल्टी शामिल हैं। ज़्यादातर लोग 1-2 हफ़्ते में ठीक हो जाते हैं। अगर समय पर इलाज ना किया जाए, तो डेंगू गंभीर रूप ले सकता है और कुछ मामलों में घातक भी हो सकता है।
डेंगू बुखार कैसे फैलता है?
डेंगू बुखार तब फैलता है जब एडीज मच्छर किसी डेंगू वायरस से संक्रमित व्यक्ति को काटता है और फिर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है। यह मच्छर दिन के समय ज्यादा सक्रिय रहते हैं और साफ, ठहरे हुए पानी में पनपते हैं, जैसे घरों के आस-पास रखे बर्तन, टायर, गमले, और पानी की टंकी।
डेंगू बुखार के लक्षण
डेंगू के लक्षण संक्रमित होने के 4 से 10 दिनों बाद दिखने शुरू होते हैं। डेंगू बुखार के लक्षण आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहते हैं। हालांकि, ये लक्षण अलग-अलग व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। सामान्य डेंगू फीवर हिंदी में इस प्रकार होते हैं:
- तेज बुखार (104°F तक)
- सिरदर्द
- आँखों के पीछे दर्द
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- गंभीर कमजोरी
- मतली और उल्टी
- त्वचा पर लाल चकत्ते
- नाक या मसूड़ों से खून आना
अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई दें, तो उसे तुरंत चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए।
डेंगू के लक्षण और उपाय
डेंगू बुखार के लक्षण काफी गंभीर हो सकते हैं, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में। इसलिए इसके शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। डेंगू होने के लक्षण सामने आने पर यह जरूरी है कि मरीज को सही देखभाल मिले।
डेंगू बुखार का इलाज खासकर लक्षणों के आधार पर किया जाता है, क्योंकि अभी तक डेंगू का कोई खास एंटीवायरल उपचार नहीं है। सामान्यतः, मरीज को आराम करने, पानी और तरल पदार्थ ज्यादा पीने और दर्द निवारक दवाएं लेने की सलाह दी जाती है। मरीज को एस्पिरिन या इबुप्रोफेन जैसी दवाएं नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि इससे रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है।
डेंगू बुखार का इलाज और देखभाल
डेंगू बुखार का इलाज मुख्य रूप से लक्षणों के आधार पर किया जाता है। यदि स्थिति गंभीर हो जाए, तो अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। यहां कुछ सामान्य उपचार और देखभाल के उपाय बताए गए हैं:
- तरल पदार्थ का सेवन: डेंगू बुखार में शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इसलिए मरीज को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ पीने चाहिए, जैसे नारियल पानी, फलों का रस, और इलेक्ट्रोलाइट्स।
- आराम: मरीज को पूरी तरह से आराम करना चाहिए और किसी भी तरह के शारीरिक तनाव से बचना चाहिए।
- दर्द निवारक दवाएं: बुखार और शरीर में दर्द के लिए पेरासिटामोल का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन एस्पिरिन और इबुप्रोफेन से बचें।
- प्लेटलेट्स की निगरानी: डेंगू बुखार के दौरान प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती है, इसलिए नियमित रूप से रक्त जांच करानी चाहिए।
- अस्पताल में देखभाल: यदि मरीज को तेज बुखार के साथ गंभीर लक्षण जैसे रक्तस्राव, लगातार उल्टी, पेट में दर्द, और सांस लेने में कठिनाई हो, तो तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना जरूरी होता है।
डेंगू से बचाव के उपाय
- मच्छरों से बचाव: अपने घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें, जैसे कूलर, गमले, टायर, और बर्तन। मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी, मच्छर मारने वाली क्रीम और इलेक्ट्रिक रिपेलेंट्स का उपयोग करें।
- पूरी बाजू के कपड़े पहनें: मच्छरों से बचने के लिए लंबे और ढीले कपड़े पहनें, ताकि मच्छर काट न सकें।
- मच्छरदानी का उपयोग करें: सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।
- मच्छरों के प्रजनन स्थानों को नष्ट करें: अपने आस-पास के क्षेत्रों में सफाई रखें और कहीं भी साफ पानी जमा न होने दें।
डेंगू बुखार एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इससे बचाव के उपाय अपनाकर और सही समय पर चिकित्सा लेकर इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है। डेंगू बुखार के लक्षण व उपचार को समझना और सही देखभाल करना जरूरी है, ताकि यह रोग गंभीर रूप न ले सके। इसलिए अगर डेंगू होने के लक्षण दिखाई दें, तो बिना देरी के चिकित्सक से संपर्क करें और सही उपचार प्राप्त करें।




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