हीमोग्लोबिन की कमी आज के समय में एक आम स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। हीमोग्लोबिन एक जरूरी प्रोटीन है जो रेड ब्लड सेल्स में पाया जाता है और शरीर में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के परिवहन का काम करता है। जब शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है, तो थकान, सांस फूलना, चक्कर आना जैसे कई लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे हीमोग्लोबिन की कमी के कारण, इसके लक्षण, इलाज और ऐसे फूड्स जो नेचुरली हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
हीमोग्लोबिन की कमी के मुख्य कारण
हीमोग्लोबिन लेवल कम होने के कई कारण हो सकते हैं:
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ब्लड लॉस (रक्तस्राव) – चोट लगने, सर्जरी या महिलाओं में अनियमित पीरियड्स के कारण।
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आयरन की कमी – या तो डाइट में आयरन की कमी या शरीर द्वारा आयरन न सोख पाने के कारण।
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क्रॉनिक बीमारियां – जैसे किडनी डिज़ीज़ या कैंसर भी लंबे समय तक हीमोग्लोबिन को प्रभावित कर सकती हैं।
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दवाइयों का असर – कुछ दवाएं जैसे एंटीकोआगुलेंट्स या कीमोथेरेपी ड्रग्स भी इसका कारण बन सकती हैं।
हीमोग्लोबिन कम होने के लक्षण
1. थकान और कमजोरी
हीमोग्लोबिन की कमी के सबसे आम लक्षणों में से एक है लगातार थकान। ऑक्सीजन की कमी से शरीर की एनर्जी घट जाती है।
2. सांस फूलना
जब शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो हलकी सी एक्टिविटी पर भी सांस फूलने लगती है।
3. चक्कर आना या बेहोशी जैसा महसूस होना
कम हीमोग्लोबिन की वजह से ब्रेन तक ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है, जिससे चक्कर या हलकापन महसूस होता है।
4. त्वचा का पीला पड़ना
चेहरे और हथेलियों की त्वचा सामान्य से ज़्यादा पीली दिख सकती है।
5. तेज़ धड़कन
दिल को शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे हार्टबीट तेज़ हो सकती है।
6. चिड़चिड़ापन
थकान, ऑक्सीजन की कमी और शरीर की थकावट की वजह से मिज़ाज में चिड़चिड़ापन आ सकता है, साथ ही एकाग्रता में भी कमी देखी जा सकती है।
हीमोग्लोबिन की कमी का डायग्नोसिस कैसे होता है?
इसका सबसे सामान्य तरीका है ब्लड टेस्ट। इससे पता चलता है कि ब्लड में हीमोग्लोबिन का लेवल कितना है। अगर लेवल कम है, तो डॉक्टर आपको एनीमिया डाइग्नोज़ कर सकते हैं।
कुछ केस में डॉक्टर बोन मैरो बायोप्सी या जेनेटिक टेस्ट भी करवाने की सलाह दे सकते हैं।
हीमोग्लोबिन की कमी का इलाज
इलाज उस कारण पर निर्भर करता है जिसकी वजह से हीमोग्लोबिन कम हुआ है:
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आयरन की कमी है तो डॉक्टर आयरन सप्लीमेंट्स देंगे।
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ब्लड लॉस की स्थिति में ब्लड ट्रांसफ्यूज़न की जरूरत हो सकती है।
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ऑटोइम्यून डिसऑर्डर की स्थिति में इम्यूनोसप्रेसिव मेडिकेशन दी जा सकती है।
हीमोग्लोबिन बढ़ाने वाले आहार
1. रेड मीट
रेड मीट आयरन, प्रोटीन और जिंक का अच्छा स्रोत होता है। ये तीनों न्यूट्रिएंट्स ब्लड हेल्थ के लिए ज़रूरी हैं।
2. डार्क लीफी ग्रीन्स
पालक, केल और स्विस चार्ड जैसे हरे पत्तेदार साग आयरन से भरपूर होते हैं और हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करते हैं।
3. गाजर
गाजर विटामिन A का अच्छा स्रोत है, जो हीमोग्लोबिन के निर्माण में सहायक है। इसमें फोलिक एसिड भी होता है।
4. किशमिश
किशमिश आयरन से भरपूर होती हैं और ब्लड लेवल को बेहतर करती हैं। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं।
5. सीफूड
टूना, सैल्मन, झींगा जैसे फिश आयरन और ज़रूरी मिनरल्स से भरपूर होती हैं।
6. ऑर्गन मीट्स
लीवर, किडनी, हार्ट जैसे मीट्स में आयरन, विटामिन B, ज़िंक और कॉपर प्रचुर मात्रा में होता है।
7. नट्स
बादाम, अखरोट और पिस्ता जैसे नट्स भी आयरन से भरपूर होते हैं। इन्हें रोज़ की डाइट में शामिल करना फायदेमंद है।
हीमोग्लोबिन कम होने से कैसे बचें?
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आयरन युक्त और संतुलित डाइट लें
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खूब पानी पीएं और एक्टिव रहें
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स्मोकिंग और शराब से दूरी बनाएं
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ज़रूरत हो तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स लें
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समय-समय पर ब्लड टेस्ट और हेल्थ चेकअप करवाएं
डॉक्टर से कब मिलें
अगर आप ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी महसूस कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। एनीमिया किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है, इसलिए इसे नजरअंदाज़ न करें। ब्लड टेस्ट से आपके हीमोग्लोबिन का स्तर चेक किया जाएगा, और आगे की जांच से इसके कारण का पता चलेगा। उसी आधार पर डॉक्टर आपको सही इलाज देंगे।




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