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PAPP-A टेस्ट: उच्च, सामान्य और कम स्तर को समझना

PAPP-A टेस्ट: उच्च, सामान्य और कम स्तर को समझना

By - Max Lab

May 06, 2025 | 9 min read

Table of Contents

    गर्भावस्था एक सुंदर यात्रा है, जो उत्साह और उम्मीदों से भरी होती है। इस सफर में जब माता-पिता बनने की तैयारी होती है, तब कुछ ज़रूरी मेडिकल टेस्ट की जानकारी होना बेहद अहम है। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण टेस्ट है — PAPP-A टेस्ट, यानी प्रेग्नेंसी-एसोसिएटेड प्लाज़्मा प्रोटीन A टेस्ट। यह टेस्ट मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य की निगरानी में मदद करता है।

    PAPP-A क्या है और इसका क्या काम है?

    PAPP-A एक ज़रूरी प्रोटीन है जो गर्भवती महिला के ब्लड में पाया जाता है। यह प्रोटीन प्लेसेंटा और भ्रूण द्वारा मिलकर बनाया जाता है, और गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में इसकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है।

    इसका मुख्य काम है प्लेसेंटा का सही विकास और पोषक तत्वों को भ्रूण तक पहुंचाना। यह एक स्वस्थ गर्भावस्था की नींव रखने में मदद करता है।

    PAPP-A टेस्ट कब किया जाता है?

    यह टेस्ट आमतौर पर पहली तिमाही में, यानी 11 से 14 हफ्तों के बीच किया जाता है। इसे फर्स्ट ट्राइमेस्टर स्क्रीनिंग का हिस्सा माना जाता है। यह टेस्ट आमतौर पर न्यूकल ट्रांसलूसेंसी (NT) स्कैन के साथ किया जाता है।

    दोनों मिलकर भ्रूण में किसी क्रोमोजोम से जुड़ी समस्याओं का अंदेशा दे सकते हैं — जैसे डाउन सिंड्रोम।

    अगर PAPP-A का स्तर ज़्यादा हो तो क्या मतलब होता है?

    अगर PAPP-A का स्तर सामान्य से अधिक है, तो यह एक सकारात्मक संकेत माना जाता है। इसका मतलब हो सकता है कि प्लेसेंटा ठीक से काम कर रहा है और भ्रूण का विकास स्वस्थ तरीके से हो रहा है।

    ऊंचे स्तर से इन स्थितियों का खतरा कम हो सकता है:

    • प्रीक्लेम्पसिया
    • IUGR (इन्ट्रायूटेरिन ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन)
    • समय से पहले डिलीवरी

    लेकिन याद रखें — केवल उच्च स्तर होना ही पूरी तरह से सुरक्षित गर्भावस्था की गारंटी नहीं देता।

    PAPP-A का सामान्य स्तर क्या होता है?

    PAPP-A के स्तर को अक्सर MoM (Multiples of Median) में मापा जाता है। इसका सामान्य रेंज होता है:

    0.5 से 2.0 MoM

    अगर यह स्तर इस दायरे में आता है, तो गर्भावस्था सामान्य रूप से आगे बढ़ने की संभावना अधिक होती है। यह भी एक संकेत होता है कि क्रोमोजोम संबंधी गड़बड़ियों का जोखिम कम हो सकता है।

    PAPP-A का स्तर कम हो तो क्या हो सकता है?

    अगर PAPP-A का स्तर कम हो, तो इससे कुछ संभावित जटिलताएं जुड़ी हो सकती हैं, जैसे:

    • प्रीक्लेम्पसिया का बढ़ा खतरा
    • भ्रूण का धीमा विकास
    • समय से पहले जन्म

    इसके अलावा, यह भी देखा गया है कि कम PAPP-A स्तर का संबंध डाउन सिंड्रोम जैसी क्रोमोजोम संबंधी समस्याओं से हो सकता है।

    PAPP-A टेस्ट के नतीजों को कैसे समझें?

    PAPP-A का स्तर ng/mL या MoM में मापा जाता है। आमतौर पर:

    • 0.5 से 2.0 MoM को सामान्य माना जाता है।
    • इससे कम स्तर पर डॉक्टर अतिरिक्त निगरानी या अन्य टेस्ट की सलाह दे सकते हैं।

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