फैटी लिवर को मेडिकल भाषा में हेपेटिक स्टेटोसिस (Hepatic Steatosis) कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जब लिवर में फैट (वसा) की मात्रा ज़रूरत से ज़्यादा बढ़ जाती है। लिवर में थोड़ी मात्रा में फैट होना सामान्य है, लेकिन जब यह अत्यधिक मात्रा में जमा होने लगता है, तो यह लिवर के लिए हानिकारक बन सकता है।
लिवर में ज़्यादा फैट जमा होने से उसमें सूजन (inflammation) हो सकती है, जिससे लिवर को नुकसान पहुँचता है और उसमें दाग (scarring) बनने लगते हैं। गंभीर स्थिति में यही दाग लिवर फेलियर तक का कारण बन सकते हैं।
नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर (Non-Alcoholic Fatty Liver Disease) ऐसा प्रकार है जो शराब के अत्यधिक सेवन से नहीं, बल्कि कुपोषण या कम प्रोटीन वाली डाइट के कारण होता है।
लिवर शरीर का सबसे बड़ा अंग है जो भोजन के पाचन में अहम भूमिका निभाता है।
फैटी लिवर क्या होता है?
फैटी लिवर वह स्थिति है जिसमें लिवर में फैट अत्यधिक मात्रा में जमा हो जाता है। इसके प्रमुख कारण हैं —
- शराब का अधिक सेवन
- मोटापा
- डायबिटीज़
यह समस्या बढ़ने पर सिरोसिस (Cirrhosis) का रूप ले सकती है, जिसमें लिवर इतनी क्षति झेलता है कि वह सामान्य रूप से काम नहीं कर पाता।
फैटी लिवर का इलाज मुख्य रूप से लाइफस्टाइल में बदलाव से किया जाता है — जैसे वजन कम करना, हेल्दी डाइट लेना और शराब से परहेज़ करना।
फैटी लिवर डाइट क्या होती है?
फैटी लिवर डाइट ऐसी डाइट है जो लिवर की सेहत को बेहतर बनाती है और उसमें जमा अतिरिक्त फैट को कम करने में मदद करती है। किसी भी नई डाइट को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या डाइटिशियन से सलाह लेना ज़रूरी है।
इस डाइट में शामिल किए जाने वाले प्रमुख खाद्य पदार्थ हैं —
- लीन प्रोटीन के स्रोत जैसे मछली, चिकन, टोफू, और दालें
- हेल्दी फैट्स जैसे ऑलिव ऑयल, एवोकाडो, और ड्राई फ्रूट्स
- ताज़े फल और सब्ज़ियाँ
- होल ग्रेन्स (जैसे ओट्स, ब्राउन राइस)
- पर्याप्त मात्रा में पानी
इन खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करने से लिवर की कार्यक्षमता में सुधार होता है और उसमें फैट का जमाव कम होता है।
कब अपनानी चाहिए फैटी लिवर डाइट?
फैटी लिवर में सही डाइट बहुत अहम भूमिका निभाती है। कुछ सामान्य डाइटरी गाइडलाइन्स हैं जिनका पालन किया जा सकता है —
- शुगर और रिफाइंड कार्ब्स कम करें – ज़्यादा चीनी फैट के रूप में लिवर में जमा होती है, इसलिए मीठे खाद्य पदार्थ और शुगर ड्रिंक्स से बचें।
- शराब का सेवन सीमित करें – शराब लिवर को और अधिक नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए इसे छोड़ना या बहुत सीमित मात्रा में लेना बेहतर है।
- नियमित व्यायाम करें – हफ़्ते में कम से कम पाँच दिन, 30 मिनट तक एक्सरसाइज़ करें। इससे इंसुलिन सेंसिटिविटी सुधरती है और लिवर में फैट कम होता है।
फैटी लिवर में क्या खाएँ
जीवनशैली में सुधार के साथ-साथ डाइट में बदलाव भी बहुत ज़रूरी है। रिफाइंड कार्ब्स और चीनी की जगह जटिल कार्बोहाइड्रेट (complex carbs) जैसे ओट्स, क्विनोआ, और ब्राउन राइस शामिल करें। नीचे कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ दिए गए हैं जो लिवर के लिए फायदेमंद हैं –
1. कॉफी
दिन में एक कप कॉफी फैटी लिवर के लिए लाभदायक होती है। रिसर्च के अनुसार, जो लोग कॉफी पीते हैं उनमें लिवर डैमेज का खतरा कम रहता है।
2. ओटमील
फैटी लिवर में ओटमील एक बेहतरीन लो-फैट नाश्ता है। इसमें फाइबर और कॉम्प्लेक्स कार्ब्स होते हैं जो वजन घटाने और लिवर की सेहत सुधारने में मदद करते हैं। आप इसमें पीनट्स या कटे फल मिलाकर पोषण बढ़ा सकते हैं।
3. टोफू
टोफू में मौजूद सोया प्रोटीन लिवर में जमा फैट को कम करने में मदद करता है। यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत है और इसमें फैट व शुगर की मात्रा कम होती है।
4. ड्राई फ्रूट्स (नट्स)
नट्स में हेल्दी फैट्स होते हैं जो सूजन कम करते हैं और लिवर रोगों के खतरे को घटाते हैं। ये शरीर के लिए “गुड फैट” माने जाते हैं और फैटी लिवर को रिवर्स करने में मदद करते हैं।
इनके अलावा, और भी कई खाद्य पदार्थ हैं जो लिवर की सेहत के लिए अच्छे हैं। लेकिन साथ ही कुछ चीज़ों से परहेज़ ज़रूरी है।
फैटी लिवर में क्या न खाएँ
फैटी लिवर को कंट्रोल करने के लिए इन चीज़ों से बचना चाहिए —
- शुगर ड्रिंक्स: सोडा, एनर्जी ड्रिंक, और पैकेट वाले जूस जिनमें ज़्यादा चीनी हो।
- प्रोसेस्ड फूड्स: जिनमें प्रिज़र्वेटिव्स, ट्रांस फैट या कैमिकल्स ज़्यादा हों।
- शराब: यह फैटी लिवर का प्रमुख कारण है। अगर पीते हैं तो दिन में 1–2 ड्रिंक से ज़्यादा न लें।
- रेड मीट: ज़्यादा प्रोटीन लिवर पर भार डाल सकता है, इसलिए चिकन या मछली जैसे लीन प्रोटीन लें।
फैटी लिवर में ज़रूरी लाइफस्टाइल बदलाव
- चीनी और शराब कम करें – ये दोनों ही लिवर में फैट बढ़ाते हैं।
- वज़न नियंत्रित रखें – मोटापा फैटी लिवर का मुख्य कारण है, इसलिए हेल्दी डाइट और नियमित व्यायाम ज़रूरी है।
- डायबिटीज़ को कंट्रोल करें – ब्लड शुगर का बढ़ना फैटी लिवर को और बिगाड़ सकता है।
- अन्य बीमारियों का इलाज करें – जैसे हेपेटाइटिस या स्टेटोहेपेटाइटिस, ताकि लिवर को अतिरिक्त नुकसान न पहुँचे।
फैटी लिवर के इलाज के अन्य तरीके
लाइफस्टाइल में बदलाव के अलावा कुछ और उपाय भी किए जा सकते हैं —
- डॉक्टर की सलाह पर कुछ दवाइयाँ ली जा सकती हैं जो फैटी लिवर को कंट्रोल करने में मदद करती हैं।
- कुछ गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।
- लिवर को और नुकसान से बचाने के लिए शराब, कुछ दवाइयों और संक्रमणों (जैसे हेपेटाइटिस A और B) से बचाव जरूरी है। इसके लिए टीकाकरण करवाना भी लाभदायक है।




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