गले के सामने एक छोटी सी तितली के आकार की ग्रंथि होती है जिसे थायरॉइड कहते हैं। यह शरीर की मेटाबॉलिज़्म, ग्रोथ और डेवलपमेंट को कंट्रोल करने वाले हार्मोन्स बनाती है। जब ये ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती, तो वजन बढ़ना, थकान, बाल झड़ना और डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
अगर आपको थायरॉइड की समस्या है, तो सही डाइट आपकी सेहत को काफी हद तक सुधार सकती है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि थायरॉइड पेशेंट्स के लिए कौन-से फूड्स फायदेमंद हैं और किन चीज़ों से बचना चाहिए।
क्या है थायरॉइड?
थायरॉइड एक एंडोक्राइन ग्लैंड है जो गले के निचले हिस्से में होती है। यह हार्मोन बनाती है जो शरीर की एनर्जी यूज़ करने की प्रक्रिया यानी मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करते हैं।
- हाइपरथायरॉइडिज्म (Hyperthyroidism): जब थायरॉइड ज़रूरत से ज़्यादा हार्मोन बनाता है। इसके कारण वज़न कम होना, घबराहट, और दिल की धड़कन तेज़ होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- हाइपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism): जब थायरॉइड पर्याप्त हार्मोन नहीं बनाता। इसके लक्षणों में थकान, वजन बढ़ना और ड्राय स्किन शामिल हैं।
थायरॉइड की वजहें क्या हो सकती हैं?
थायरॉइड पर असर डालने वाले कुछ प्रमुख कारण:
- ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, जैसे ग्रेव्स डिजीज और हाशिमोटो।
- ज़रूरत से ज्यादा या कम आयोडीन।
- कुछ दवाइयां जैसे लिथियम।
- थायरॉइड ग्लैंड में इंफ्लेमेशन यानी थायरॉइडाइटिस।
थायरॉइड पेशेंट्स के लिए ज़रूरी न्यूट्रिएंट्स
- सेलेनियम: थायरॉइड हार्मोन के प्रोडक्शन में मदद करता है। मिलते हैं ब्राज़िल नट्स, मछली और अंडों में।
- आयोडीन: थायरॉइड फंक्शनिंग के लिए बेहद ज़रूरी। मौजूद होता है नमक, दही और सी-फूड में।
- ज़िंक: थायरॉइड हेल्थ में अहम भूमिका निभाता है। मिलते हैं कद्दू के बीज, रेड मीट और समुद्री खाने में।
क्या खाएं? – थायरॉइड पेशेंट्स के लिए हेल्दी फूड्स
अंडे
पूरा अंडा (सफेद और ज़र्दी दोनों) सेलेनियम, आयोडीन और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। रोज़ाना एक अंडा खाना सेफ है – बशर्ते आपको एलर्जी न हो।
चिकन
प्रोटीन और सेलेनियम से भरपूर चिकन थायरॉइड पेशेंट्स के लिए काफी फायदेमंद है।
मछली (सलमन, टूना)
फैटी फिश में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स होते हैं जो इंफ्लेमेशन कम करते हैं और थायरॉइड हेल्थ में मदद करते हैं।
दालें
लेंसिल्स (दालें) प्रोटीन, फाइबर और आयरन से भरपूर होती हैं – जो खासतौर पर हाइपोथायरॉइडिज्म से जुड़ी एनीमिया में काम आते हैं।
रेड मीट
आयरन, ज़िंक और सेलेनियम का अच्छा स्रोत। लेकिन लिमिट में खाएं।
किशमिश
किशमिश में आयोडीन पाया जाता है। साथ ही ये फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है।
किन चीज़ों से करें परहेज़? – थायरॉइड पेशेंट्स के लिए हानिकारक फूड्स
ग्लूटन
थायरॉइड पेशेंट्स को अक्सर ग्लूटन से एलर्जी या सेंसिटिविटी होती है। ग्लूटन शरीर में सूजन बढ़ा सकता है और हार्मोन बैलेंस को बिगाड़ सकता है।
प्रोसेस्ड फूड्स
पैकेज्ड स्नैक्स, प्रोसेस्ड मीट और चीज़ जैसे फूड्स में नमक, प्रिज़रवेटिव और आर्टिफिशियल इंग्रीडिएंट्स ज़्यादा होते हैं – जो थायरॉइड को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
फास्ट फूड
फैट और सोडियम से भरपूर ये फूड्स वजन बढ़ाते हैं और मेटाबॉलिज्म स्लो कर सकते हैं। थायरॉइड पेशेंट्स को इन्हें अवॉयड करना चाहिए।
सोया
सोया में गोइट्रोजेनिक कंपाउंड्स होते हैं जो आयोडीन के अब्जॉर्प्शन को रोकते हैं और थायरॉइड फंक्शन पर असर डाल सकते हैं।
रिफाइंड शुगर
शुगर ब्लड शुगर लेवल में फ्लक्चुएशन लाती है और वजन बढ़ाती है। बेहतर होगा कि मिठाइयों, कोल्ड ड्रिंक्स और प्रोसेस्ड स्नैक्स से दूरी बनाएं।
कैफीन
कॉफी या कैफीन ज्यादा लेने से आयोडीन का अब्जॉर्प्शन प्रभावित हो सकता है। बेहतर है कि कैफीन को लिमिट करें।
अल्कोहॉल
अल्कोहॉल थायरॉइड हार्मोन के मेटाबॉलिज्म को बिगाड़ सकता है और ऑटोइम्यून डिज़ीज़ का रिस्क बढ़ा सकता है। बेहतर है सेवन बिल्कुल कम करें या बंद कर दें।
निष्कर्ष
थायरॉइड से जुड़ी समस्याओं को केवल दवा से नहीं, बल्कि सही डाइट और लाइफस्टाइल से भी कंट्रोल किया जा सकता है। अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लेकर एक बैलेंस्ड डाइट अपनाएं और थायरॉइड हेल्थ को बेहतर बनाएं।




7982100200
To reach our help desk call 9213188888
Comments