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Max Lab
Updated on: Sep 05, 2025
हाई बीपी, एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्तचाप सामान्य से ज़्यादा होता है। रक्तचाप, दिल से पंप होने वाले खून का दबाव होता है जो धमनियों की दीवारों पर पड़ता है। और धीरे-धीरे यह पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है। यदि समय पर इसका उपचार न किया जाए, तो यह हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इस लेख में हम हाई बीपी के लक्षण, कारण और इसे नियंत्रित करने के घरेलू उपचार के बारे में जानेंगे।
हाई बीपी के लक्षण (high blood pressure symptoms in hindi) हमेशा स्पष्ट नहीं होते हैं, लेकिन निम्नलिखित संकेत दिखाई दे सकते हैं:
इन लक्षणों का अनुभव होते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
हाई बीपी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि:
हाई बीपी को घरेलू उपायों से नियंत्रित किया जा सकता है। यहां कुछ प्राकृतिक उपाय दिए जा रहे हैं:
लहसुन हाई बीपी के लिए एक प्राकृतिक उपाय है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और रक्त को पतला करने वाले तत्व होते हैं। रोजाना एक-दो लहसुन की कली खाली पेट खाने से रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है।
मेथी के बीज में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो रक्तचाप को कम करने में सहायक होते हैं। मेथी के बीज को रात भर भिगोकर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है, जो हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है। रोजाना एक आंवला खाने से रक्तचाप में कमी हो सकती है।
एक गिलास पानी में एक चम्मच जीरा और धनिया मिलाकर रात भर के लिए रख दें। सुबह इस पानी को छानकर पीएं। यह हाई बीपी के लिए एक अच्छा घरेलू उपाय है।
हाई बीपी के इलाज के लिए अजवाइन और शहद का मिश्रण भी काफी प्रभावी है। एक चम्मच अजवाइन पाउडर में एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम इसका सेवन करें।
तुलसी और नीम के पत्तों को खाली पेट चबाने से भी रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें प्राकृतिक तत्व होते हैं जो ब्लड प्रेशर को संतुलित करने में सहायक होते हैं।
घरेलू उपायों के साथ-साथ, जीवनशैली में बदलाव करना भी अत्यंत आवश्यक है:
हाई बीपी, यानी उच्च रक्तचाप, का इलाज सही खानपान, जीवनशैली में बदलाव और कुछ घरेलू उपायों से संभव है। यदि लक्षण गंभीर हैं या लंबे समय से हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। उपरोक्त घरेलू उपायों को अपनाकर आप अपने रक्तचाप को नियंत्रित कर सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
साधारणतः इसका कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होता, इसलिए इसे “silent killer” कहा जाता है। फिर भी, कुछ लोग तेज़ सिरदर्द, साँस लेने में कठिनाई, धुंधली दृष्टि, या थकान का अनुभव कर सकते हैं।
हां, बहुत से लोग—लगभग आधे—को पता नहीं होता कि उनका ब्लड प्रेशर उच्च है क्योंकि यह अक्सर बिना लक्षणों के होता है।
नमक की अधिकता, अत्यधिक वजन, धूम्रपान, शराब, तनाव और शारीरिक निष्क्रियता जैसे फैक्टर उच्च ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ाते हैं।
स्वस्थ आहार (जैसे DASH/मेडिटेरेनियन), नियमित व्यायाम, नमक कम करना, और शराब से परहेज ब्लड प्रेशर को घटाने में प्रभावी होते हैं।
जी हां। जब ब्लड प्रेशर बहुत ज़्यादा या अचानक बढ़ता है, तो थकावट और चक्कर जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
जब सिस्टोलिक ≥180 mm Hg या डायस्टोलिक ≥120 mm Hg हो, तो यह एक हायपरटेंसिव क्राइसिस माना जाता है। इस स्थिति में सिरदर्द, चक्कर, सांस की तकलीफ, दृष्टि बदलना या मिचली जैसे लक्षण हो सकते हैं।
सही तकनीक में आराम से बैठना, पांव जमीन पर, बाजू को हृदय स्तर पर रखना और शांत वातावरण में मापना शामिल है।
कायमिक जोखिम (जैसे हृदय, मस्तिष्क, गुर्दे) और जानलेवा स्थितियों से बचने के लिए नियमित BP मॉनिटरिंग महत्वपूर्ण है।
लक्षण पुरुषों और महिलाओं में आमतौर पर समान होते हैं, लेकिन गर्भावस्था, मेनोपॉज और गर्भनिरोधक गोलियाँ जैसे फैक्टर्स महिलाओं में जोखिम बढ़ा सकते हैं।
यदि तेज़ सिरदर्द, दृष्टि में बदलाव, सीने में दर्द, साँस लेने में मुश्किल जैसी गंभीर लक्षण हों, तो तुरंत आपातकालीन चिकित्सा सहायता लें।
अगर अचानक बीपी बढ़ जाए, तो इन घरेलू उपायों को अपनाएं:
यहाँ बीपी की सामान्य श्रेणियां दी गई हैं:
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