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Max Lab
Updated on: Sep 05, 2025
गर्भावस्था एक खूबसूरत यात्रा है, लेकिन इसके साथ कई चुनौतियाँ भी आती हैं। इनमें से एक अहम पहलू है – नींद। जैसे-जैसे शरीर में बदलाव होते हैं, सही पोज़िशन में सोना आपके आराम और स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी हो जाता है। चाहे आप पहले तिमाही में मॉर्निंग सिकनेस झेल रही हों या तीसरी तिमाही में बेबी किक्स के कारण जाग रही हों, सोने का सही तरीका समझना आपके लिए बड़ा फर्क ला सकता है।
नींद हमेशा से सेहत की नींव रही है, और गर्भावस्था में तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। इस दौरान आपका शरीर लगातार नए जीवन को पोषण देने के लिए काम करता है। पर्याप्त आराम मिलने पर:
इसके अलावा नींद मतली, कमर दर्द जैसे आम असुविधाओं को भी कम करती है। अच्छी नींद से दिनभर की ऊर्जा बनी रहती है और बदलते हार्मोन्स के बीच मूड भी संतुलित रहता है।
पहली तिमाही भावनात्मक और शारीरिक बदलावों से भरी होती है। थकान और हार्मोनल बदलाव नींद को प्रभावित कर सकते हैं।
दूसरी तिमाही में पेट का आकार बढ़ने लगता है और नींद की पोज़िशन चुनना और भी ज़रूरी हो जाता है।
जैसे-जैसे तीसरी तिमाही आती है, आरामदायक नींद लेना और मुश्किल हो जाता है।
गर्भावस्था में सही सोने की पोज़िशन अपनाना आपके आराम और सेहत दोनों के लिए बहुत ज़रूरी है। हर तिमाही में शरीर की ज़रूरतें बदलती हैं और उसी हिसाब से पोज़िशन में बदलाव करने से नींद बेहतर हो सकती है।
थोड़ी-सी कोशिश और सही तकनीक अपनाकर आप इस खूबसूरत सफर में सुकूनभरी नींद पा सकती हैं।
गर्भवती महिला को करवट लेकर, खासकर बाईं करवट, सोना चाहिए। इससे रक्त प्रवाह बेहतर होता है और शरीर पर दबाव कम पड़ता है।
दिन में थकान महसूस होने पर थोड़ी देर आराम करना फायदेमंद है, लेकिन लंबे समय तक एक ही पोज़िशन में लेटना सही नहीं। ज़रूरत के हिसाब से छोटे-छोटे ब्रेक लेकर लेटना बेहतर है।
आमतौर पर 7 से 9 घंटे की नींद गर्भावस्था में ज़रूरी मानी जाती है, ताकि माँ और शिशु दोनों स्वस्थ रहें।
पीठ के बल लगातार सोना सही नहीं है, क्योंकि इससे गर्भाशय का दबाव रीढ़, पीठ और मुख्य रक्त वाहिकाओं पर पड़ सकता है।
बायीं करवट सोने से रक्त और पोषक तत्वों का प्रवाह गर्भ में पल रहे शिशु तक बेहतर तरीके से पहुँचता है और माँ के अंगों पर दबाव कम होता है।
गर्भवती महिला को करवट लेकर, खासकर बाईं करवट, सोना चाहिए। इससे रक्त प्रवाह बेहतर होता है और शरीर पर दबाव कम पड़ता है।
दिन में थकान महसूस होने पर थोड़ी देर आराम करना फायदेमंद है, लेकिन लंबे समय तक एक ही पोज़िशन में लेटना सही नहीं। ज़रूरत के हिसाब से छोटे-छोटे ब्रेक लेकर लेटना बेहतर है।
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